जौनपुर(5अप्रैल)। प्राणि विज्ञान विभाग
तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय
जौंनपुर डॉ. देव ब्रत मिश्रा ने एक साक्षात्कार में बताया कि कोविड 19 (कोरोना वायरस) यह विषाणुओं का एक समूह है जो स्तनधारियों एवं पक्षियों में उनकी प्रतिरोधक क्षमता नष्ट कर रोग की उत्पत्ति करता है। यह आर यन ऐ वायरस होता है, जो निर्जीव अवस्था मे रहता हैं। लैटिन भाषा मे कोरोना का तात्पर्य मुकुट है ,इलेक्ट्रॉनिक सूक्ष्म दर्शी में इस कण के चारों तरफ़ काटो जैसी सरंचना दिखती है जो मुकुट जैसा प्रतीत होता है।
वर्तमान परिदृश्य में भारत मे कोविड 19 का प्रभाव आपातकाल जैसी स्थिति में बदलता दिखाई पड़ रहा है। यह संक्रमित जानलेवा विषाणु जनित बीमारी है, जिसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होता हैं ।संक्रमण होने पर इसके लक्षण दो दिनों से चौदह दिनों के दिखता है। संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी ,नाक बहना ,कमजोरी एवं श्वसन क्रिया में कठिनाई होती है।प्रारम्भिक अवस्था मे यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति की सांस की बूंदो से फैलता है। संक्रमण होने पर व्यक्ति गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण से संक्रमित हो जाता है और धीरे धीरे श्वसन क्रिया अवरूद्ध हो जाती है।इस महामारी से बचने की प्रत्येक नागरिक की जिम्मेवारी है ।इस महामारी से स्वयं को बचाते हुए अफवाहों से भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। माननीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए लॉक डाउन में रह कर सामाजिक दूरी को बरकरार रखना है, इस वैश्विक महामारी से नियमित उपायो से ही बचा जा सकता है, घर पर रह कर समय- समय पर हाथो को साबुन से धुलाई करते रहना है। इस आपदा काल मे प्रत्येक व्यक्ति को संयम, धैर्य एवम सजगता का परिचय देते हुए सरकारी निर्देशो का पालन सुनिश्चित करते हुए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा में फल, हरी सब्जियां, सलाद ,ताज़ा भोजन ,नियमित योग एवं गुनगुने पानी का प्रयोग निरंतर करते हुए अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है,जिससे इस महामारी से लड़ कर जीत सुनिश्चित कर सके। यह प्रत्येक भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है।