Breaking News
Home / Latest / जौनपुर। गुरुकुल परम्परा के सम्बन्धों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है-डॉ. शैलेन्द्र कुमार मिश्र

जौनपुर। गुरुकुल परम्परा के सम्बन्धों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है-डॉ. शैलेन्द्र कुमार मिश्र

जौनपुर(26मई)। प्राचीन गुरुकुल परंपरा की उपयोगिता पर एक वेविनार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आयोजक डॉ. शैलेन्द्र कुमार मिश्र ने उच्च शिक्षण संस्थाओं के सामाजिक उत्तरदायित्व पर प्रकाश डाला। श्री मिश्र ने प्राचीन गुरुकुल परंपरा में विद्यार्थियों द्वारा भिक्षा मांगने की उपादेयता को सिद्ध करते हुए बताया कि गृहस्थ आश्रम में विद्यार्थी स्वयं को समाज का ऋणी मानते थे और समाज भी गुरुकुलों के प्रबंध में सहभागी बनता था। आज शिक्षण संस्थानों से समुदाय के उसी सम्बन्धो को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय,भारत सरकार नई दिल्ली एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन डॉ. शैलेन्द्र कुमार मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, एम.डी.पी.जी. कॉलेज, प्रतापगढ़ द्वारा कराया गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय उच्च शिक्षण संस्थाओं के सामाजिक उत्तरदायित्व, स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण एवं प्रबंधन, कोविड 19 की चुनौती में शिक्षकों की भूमिका था। विषय प्रवर्तन मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के सीनियर फैकल्टी डॉ. अनिल दुबे ने किया। विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. अरविंद मिश्र, डॉ. किरण मिश्रा,डॉ. विजय कुमार मिश्र, डॉ. मनोज मिश्र तथा डॉ. राजीव मालवीय ने अत्यंत सारगर्भित एवं मौलिक व्याख्यान दिए। संगोष्ठी में डॉ. अमिता मिश्रा, डॉ. शैलेश पांडेय, डॉ0 अरुण कुमार मिश्र डॉ. संजय कुमार दुबे, डॉ0 अभिषेक सिंह ,डॉ. प्रणव ओझा,डॉ. नीरज त्रिपाठी, डॉ. मिथिलेश कुमारी,डॉ. निशांत पांडेय, डॉ. भूपेश सिंह के अतिरिक्त जनपद के अनेक महाविद्यालयों के शिक्षकों ने सहभगिता की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!