मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। स्थानीय नगर के गुड़हाई मुहल्ले में स्थित शंकर जी के मंदिर पर भैया दूज का त्योहार उत्साह पूर्वक मनाया गया। बहनों ने व्रत रखकर भाई के लंबी उम्र के लिए भगवान् से कामना किया। भाई को तिलक लगाकर उनकी आरती उतारने के बाद मुंह मीठा कराया। विवाहिताओं ने भाइयों को घर बुलाकर तिलक लगाया भोजन कराया। इस दौरान जो नहीं पहुंच सके वह भाई को तिलक लगाकर उनकी आरती उतारने के बाद मुंह मीठा कराया। मायके जाकर भैया दूज के दिन बहनें अक्षत, कुमकुम और रोली से अष्ट दल कमल का फूल बनाकर आगन में पूजन अर्चन किया। भाई की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत का संकल्प लिया। विधि-विधान के साथ यम की पूजा की। यम की पूजा के बाद यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतों की पूजा की गई। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर बहनों ने आरती उतारी। भाईयों ने यथाशक्ति अपनी बहन को उपहारा प्रदान किया। पूजा होने तक भाई-बहन दोनों ने ही व्रत रखा। पूजा संपन्न होने के बाद भाई-बहन साथ मिलकर भोजन किया।अर्चना तिवारी ,अंजली व अनुपमा साहू बताते हैं कि हिंदू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्योहार है जिसे भाई-बहन बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है। यमुना नदी में स्नान कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर यमुना में स्नान संभव न हो तो भैया दूज के दिन भाई को अपनी बहन के घर स्नान करना शुभ होता है।