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जौनपुर। श्रृंगार रस की भक्ति सर्वश्रेष्ठ – कथा को नौवें दिन बोले दिव्य मोरारी बापू

मुंगराबादशाहपुर(जौनपुर)। भगवान् की भक्ति पांच प्रकार की होती है जिससे श्रृंगार भाव की भक्ति सर्वश्रेष्ठ होती है। ये बाते कटरा मार्ग पर स्थित सृष्टि पैलेश मे आयोजित भागवत कथा के नौवे दिन दिव्य मोरारी बापू ने कही। स्वामी जी ने आगे कहा कि सख्य भाव की भक्ति सुदामा की थी।

श्रृंगार भक्ति मीरा की थी। इस दौरान उन्होंने जमवंती, सत्यभामा, कालिंदी, आदि आठ पटरानियों के विवाह कि कथा बिस्तार से भक्तो को सुनाया। इसके साथ ही भौमासुर का उद्धार, भगवान् के विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने सुदामा चरित्र, भगवान् श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा का स्वागत, सुदामा को ऐश्वर्य की प्राप्ति की भी कथा बिस्त्रित बताई। इस दौरान सुदामा चरित्र की मार्मिक झाकी भी निकाली गई जिसे भक्त जन देख भाव विभोर हो गए। कथा के मुख्य यजमान पूर्व चेयरमैन कपिल मुनि, सुरेश सेठ रहे। इस दौरान राजेश गुप्त, विश्वामित्र, सोनिया गुप्ता, राकेश गुप्त, समेत बडी संख्या में भक्त जन मौजूद रहे।

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