जौनपुर। शिक्षकों ने हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है! सब ने कहा कि यह निर्णय और पहले होना चाहिए था! सरकार ने शिक्षकों से अतरिक्त कार्य लेकर शिक्षण कार्य को बुरी तरह प्रभावित करने का काम किया है! प्रयागराज हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न करवाया जाए ! जिस पद पर उनकी नियुक्ति की गई है उनसे वही कार्य लिया जाए ! इस निर्णय का शिक्षकों ने जोरदार स्वागत किया है! शिक्षकों ने इस बात का भी स्वागत किया है कि खेलकूद स्काउट आधिकारिक करने के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अध्यापकों को उनके मूल पद पर बच्चों को पढ़ाने के लिए वापस बुलाने के आदेश को सख्ती से लागू किया जाए! इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक मोहम्मद एजाज ने बताया कि हाई कोर्ट का आदेश सराहनीय है इससे शिक्षक केवल शिक्षण कार्य पर ध्यान देंगें !अन्य कामों से बिल्कुल उनका कोई मतलब नहीं रहेगा! शैक्षणिक गुणवत्ता में इस निर्णय से सुधार आएगा! मनीष यादव ने बताया कि शिक्षकों तथा छात्र छात्राओं के हित में यह निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण है! इससे शिक्षण कार्य को जहाँ मजबूती मिलेगी वहीं बच्चों का भविष्य भी बेहतर होगा! शिक्षिका आशमा परवीन ने बताया कि अब बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतरी होगी! शिक्षक अब अन्य कार्यों के बजाय शिक्षण कार्य में मन से रुचि लेंगे! शिक्षक अनिल पाण्डेय ने बताया कि शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा सौंपा गया कार्य अति निन्दनीय है! ऐसे गम्भीर मुद्दे पर तो सरकार को मनन चिन्तन करने की जरूरत थी! सरकार ने जब कोई कदम नहीं उठाया तो हाईकोर्ट को निर्णय लेना पड़ा!