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जौनपुर। प्रेम को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती- देवेश महराज

जौनपुर(22अप्रैल)। महराजगंज ब्लाक के सवंसा गाँव मे श्रीमद भगवत कथा वाचक स्वामी श्री देवेश दास जी महाराज ने कथा में द्रोपदी चीर हरण का वर्णन किया ओशिशुपाल भगवान श्री कृष्ण उल्टा सीधा बोलने लगा भगवान कृष्ण ने शिशुपाल की मां को वचन दिया था की 100 गलती पर इस को माफ कर दूंगा 101 गलती माफ नहीं करूंगा अगला शब्द निकला भगवान श्री कृष्ण अपने सुदर्शन चक्र शिशुपाल का गर्दन काट दिया और सुदर्शन से भगवान श्री कृष्ण की अंगुली में कट गई द्रोपदी ने अपनी साड़ी के के पल्लू से बांध दिया भगवान श्री कृष्ण ने कहा बहन यह कर्ज मेरे ऊपर चढ गया है दुशासन द्वारा चीर हरण होने लगा दो भगवान श्री इतना तेज भागे की गरुड़ भी पीछे हो गए भगवान श्री कृष्ण आकर सभा में खड़े हो गए और कहां की तुम्हारा भाई गरीब नहीं है द्वारिकाधीश है एक साड़ी के लिए नाराज मत हो मैं देखता हूं कौन बलवान है साड़ी का निशान अभी भी अंगुली पर है तुम्हारा कर्ज़ आज भी मेरे ऊपर है।
मुख्य यजमान सतीश रावत मैना देवी ,हरीश रावत कथा वाचक श्री देवेश दास महराज को माल्या अर्पण कर स्वागत किया
मौके पर जयनाथ मिश्रा, ज्वाला प्रसाद, प्रदीप, विनयकुमार , अश्वनी ,राजनाथ मिश्रा, शिवपूजन मिश्रा,रमापति आदि कई लोग मौजूद रहे।

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