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जौनपुर। कलयुग में नाम संकीर्तन से ही जीव का उद्धार संभव- दिव्य मुरारी बापू।

मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। ब्रजभूमि भगवान की माधुर्य भूमि और द्वारका ऐश्वर्या भूमि है। रास कलयुग में नाम संकीर्तन से ही जीव का उद्धार संभव है ये बातें मुगराबादशाहपुर कस्बे के कटरा मार्ग पर स्थित सृष्टी पैलेस में आयोजित 10 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन पुष्कर धाम से पधारे राष्ट्रीय संत दिव्य मुरारी बापू ने श्रद्धाल भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि अन्याय और पापी लोग ही धरती के भार हैं। भगवान ने अनेक बार युद्ध किया है। उन्होनें आगे बताया कि भगवान श्री कृष्ण देवकी के छ: मृत पुत्रो लौटा लाए। इसके बाद भृगु जी द्वारा त्रिदेव की परीक्षा, नौ योगीश्वरो का संवाद, दत्तात्रेय द्वारा बनाए गए 24 गुरुओं का वर्णन, यदुवंशियों को ऋषियो का साप, उद्धव जी का द्वारिका भ्रमण ,भगवान का स्वधाम गमन की कथा, परीक्षित की परम गति, जन्मेजय का सर्प यज्ञ, आदि कथा के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया। उन्होंने भागवत के अंतिम श्लोक का भी वाचन कराया। कथा के अंत में महाराज जी का सम्मान अंगवस्त्रम व माल्यार्पण कर मुख्य यजमान कपिल मुनि व उनकी धर्मपत्नी सोनिया गुप्ता और सुरेश सेठ ने किया। तत्पश्चात मुख्य यजमान पूर्व पालिकाध्यक्ष कपिल मुनि गुप्त ने कथा के समापन पर भागवत की पोथी सिर पर उठा कर घर पर स्थापित किया। संचालन घनश्याम दास जी महाराज व विश्वामित्र गुप्त ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर राजेश गुप्ता, कामता यादव व सुरेश चंद सोनी समेत भक्त जन बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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