जौनपुर। द्रोणीपुर निवासी स्व. पंडित रामदेव मिश्र के पुत्रों स्व. बदरीनारायण मिश्र( अधीक्षण अभियंता) डॉ ईश्वर चंद्र मिश्र( विभागाध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग स0ब0महाविद्यालय बदलापुर) एवम डॉ विश्वम्भर मिश्र( ख्यातिलब्धचिकित्सक एवम समाजसेवी, मछलीशहर) के पुत्र गण डॉ वी के मिश्र रेडियोलॉजिस्ट प्रयागराज, डॉ शैलेंद्र कुमार मिश्र निवर्तमान विभागाध्यक्ष प्राचीन इतिहास, मुख्य अनुशास्ता, एवम जिला नोडल अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना,प्रतापगढ़, मुनीश्वर दत्त महाविद्यालय प्रतापगढ़, वर्तमान में नव नियुक्त प्राचार्य हेमवतीनंदन बहगुणा स्नातकोत्तर महाविद्यालय लालगंज ,प्रतापगढ़ , डॉ शैलेंद्र मिश्र विद्वान इतिहास के प्रोफेसर, कुशल अनुसाशक, आपकी पांच पुस्तकें प्रचलित है। चालीस से अधिक राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है। चार दर्जन से अधिक राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में अपना व्याख्यान दे चुके है।डॉ शैलेन्द्र जी प्राचीन इतिहास एवम संस्कृति विषय मे एक हस्ताक्षर है। इसी कड़ी में प्रदेश का गौरव तिलक धारी महाविद्यालय जौनपुर में प्राणि विज्ञान में सहायक प्रोफेसर डॉ देव ब्रत मिश्र ख्यातिलब्ध जंतु वैज्ञानिक है। डॉ मिश्र को दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय एवम तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिल चुके हैं। डॉ देव ब्रत जी के चार दर्ज़न से अधिक राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर के जनरल्स में शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है। डॉ देव ने अब तक पचास राष्ट्रीय एवम अठारह अंतरराष्ट्रीय स्तर के कॉन्फेंस में अपनी सहभागिता कर चुके है। आपने तीन दर्जन से अधिक कॉन्फ्रेंस मे अपना व्याख्यान दे चुके है। इसके साथ नई शिक्षा नीति पर आप ने व्याख्यान दिया है। आपकी छः पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। इसी कड़ी में डॉ धर्मेंद्र कुमार मिश्र ख्यातिलब्ध रक्त परीक्षण विशेषज्ञ के रूप में राजकीय चिकित्सालय सुरियावां में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ धर्मेंद्र को कोविड में अनवरत परीक्षण के कारण कोरोना योद्धा सम्मान मिल चुका हैं। मिश्र वंशज शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम जनपद ही नही अपितु राष्ट्रीय स्तर और अपनी आभा बिखेर रहे हैं।