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जौनपुर। मड़ियाहूं तहसील के प्रतिभावान तहसीलदार का अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह के साथ किया गया विदाई

जौनपुर। मड़ियाहू तहसील के प्रतिभावान, डायस पर तुरंत न्याय करने वाले और अधिवक्ताओं को दो फाट में कर न्यायालय पर प्रतिभा बिखेरने वाले गुड़ी तहसीलदार अन्यत्र स्थानांतरण हो जाने के कारण अब अधिवक्ताओं के बीच नहीं रहे। गुरुवार को मड़ियाहू तहसील लेखपाल संघ द्वारा उनको पुष्पों की माला पहनाकर, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह के साथ ससम्मान विदाई दिया। जिसमें तहसील अधिवक्ता संघ अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता समेत कुछ अधिवक्ता भी विदाई समारोह में शामिल होकर तहसीलदार के अच्छाई में कसीदे पढ़े। विदाई समारोह के दौरान शाहगंज से आए एक लेखपाल की चर्चा उस समय अधिवक्ताओं में जोर शोर से हो गई जब बार तहसील अध्यक्ष ने अदब से नमस्कारी ठोका।

फोटो- निवर्तमान तहसीलदार को तीन नायब तहसीलदारों ने सामूहिक रूप से दिया स्मृति चिन्ह

मड़ियाहू तहसील के तहसीलदार कृष्णराज सिंह का स्थानांतरण फिरोजाबाद तहसील में बीते 29 जून को कराया गया था। इसके बाद गुरुवार को मड़ियाहू लेखपाल संघ ने उनका विदाई समारोह आयोजित किया। विदाई समारोह के दौरान नायब तहसीलदार संदीप कुमार सिंह, सत्येंद्र मौर्य एवं प्रमोद यादव और अधिवक्ता संघ के बार अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह के साथ कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता और राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल मौजूद रहे।
निवर्तमान तहसीलदार को कैसे दी गई भावभीनी विदाई
निवर्तमान तहसीलदार कृष्णराज सिंह को सर्वप्रथम मड़ियाहू तहसील के चर्चित पूर्व लेखपाल इंदु यादव ने माला पहनाकर स्वागत किया। उसके बाद तहसील अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह एवं साथी अधिवक्ताओं ने माला पहनाया और अंग वस्त्र भेंट कर विदाई दिया। फिर तीन नायब तहसीलदार प्रमोद कुमार यादव, सत्येंद्र मौर्य एवं संदीप कुमार सिंह ने माला पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत करते हुए भावभीनी विदाई किया। उसके बाद लेखपाल संघ के अध्यक्ष समेत समस्त राजस्व निरीक्षक और लेखपालों ने अपने तहसीलदार का माला पहनाते हुए स्वागत कर स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंटकर विदाई किया।
स्वागत के बाद नायब तहसीलदारों ने कहा कि स्थानांतरण एक सतत प्रक्रिया है इसमें सभी को आज यहां तो कल वहां जाना पड़ता है लेकिन जहां लोग रहते हैं उतना नजदिकियां बढ़ जाती है कि थोड़ी तकलीफें होती है। वही निवर्तमान तहसीलदार कृष्ण राज सिंह ने कहा की मेरे नौकरी के जीवन काल में मड़ियाहू तहसील जैसा कोई तहसील नहीं मिला। यह हमेशा याद रहेगा सच पूछा जाए तो मड़ियाहू से जाने की इच्छा बिल्कुल नहीं है उन्होंने कहा कि बार एवं बेंच में थोड़ी बहुत टकराहट होती है लेकिन उसका मुझे रंच मात्र भी दु:ख नहीं है। जो मेरी विदाई लेखपाल संघ द्वारा किया गया वह मुझे ताजिंदगी याद रहेगा।
विदाई समारोह में मौजूद अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसीलदार ने न्याय के दौरान डायस पर ही फर्देकाम लिखकर जो न्याय किया वह शायद ही कोई तहसीलदार करेगा उन्होंने कहा कि शासन के मन्शानुरूप कई हजार फाइलों का निस्तारण कर तहसीलदार ने एक अच्छी पहल किया।

फोटो-विदाई समारोह के दौरान उपस्थित अधिवक्ता एवं लेखपाल

आखिर कौन थे प्रतिभावान और गुड़ी मड़ियाहू तहसील की तहसीलदार
महोबा जनपद से ट्रांसफर होकर मड़ियाहू तहसील में कुछ माह पहले तहसीलदार बनकर कृष्ण राज सिंह आए हुए थे। महोबा से लेकर मड़ियाहू तक उनका स्वागत तहसील के तीन अधिवक्ताओं ने इस कदर किया था कि जैसे कोई अवतार मड़ियाहूं तहसील के धरती पर उतर गए हो, होता क्यों नहीं क्योंकि तहसील के चर्चित अधिवक्ता उन्हें मड़ियाहू तहसील तक ले आए थे। मड़ियाहू तहसील के तहसीलदार कृष्ण राज सिंह कुर्सी पर बैठते ही अपनी प्रतिभा महोबा की तरह यहां भी दिखाना शुरू कर दिया जाति बिरादरी से लेकर करीबखाने तक जो भी रहा उसी का तहसील में चलने लगा। जूनियर अधिवक्ता बेचारे बेसहारों की तरह इधर-उधर घूमने लगे। अगर तहसील में किसी का कार्य होता था तो वही तीन अधिवक्ताओं और तहसीलदार के करीबखानों का होता था।

वाट्सएप फाइल फोटो- तहसीलदार कृष्णराज सिंह पौधरोपण करते हुए

महोबा तहसील में चर्चा में क्यों रहे तहसीलदार कृष्णराज सिंह
तहसीलदार कृष्णराज सिंह जब महोबा जिले की तहसील में तैनाती थी, उनके ऊपर अधिवक्ताओं ने जाति बिरादरी का आरोप लगाकर जमकर हंगामा मचाया था। कृष्णराज सिंह यादव बिरादरी से मिलान करते थे। उनके ऊपर एक मंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने का मामला भी खूब गरमाया था। खैर तहसीलदार कृष्णराज सिंह जहां भी रहे विकास के लिए भी जाने जाते थे और विकास पर खुद अपनी तारीफ भी करते थे, उनकी व्हाट्सएप स्टेटस को देखा जाए तो वह पौधों से भी अत्यधिक लगाव करते थे। श्री सिंह के विषय में किसी को अधिक जानकारी चाहिए तो महोबा के सोशल वेबसाइट पर जाकर उनकी इन सब जानकारी की पुष्टि की जा सकता है।

फोटो- तहसीलदार का वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल यादव स्वागत करते हुए

महोबा की तरह यहां भी कुछ ही दिनों में तहसीलदार ने दिखाया अपना रंग

तहसीलदार कृष्ण राज सिंह कुछ दिनों में ही महोबा की तरह मड़ियाहू तहसील में भी अपना रंग दिखाना शुरू किया। लोकसभा चुनाव में एक शिकायती पत्र को माना जाए तो तहसीलदार ने अपने केबिन में जाति बिरादरी को बैठाने के साथ अपने करीब खानों के साथ ही बातचीत करना पसंद करते थे। सूत्र बताते हैं कि इसकी जांच भी हुई और स्थानांतरण का एक कारण भी यही है। सूत्र बताते हैं कि जब उनके करीबखानों को सही न्याय नहीं मिलने का अंदेशा हुआ तो तहसील में भूचाल आ गया जिसके लिए धरना प्रदर्शन भी हुआ और तहसीलदार पर उत्कोच लेने का भी आरोप लगाया गया। इस दौरान तहसीलदार ने अपनी सतरंगी छटा बिखेरते हुए अधिवक्ताओं को ही दो फाट में बांट डाला। जिसके बाद तहसील में उठा भूचाल समुद्र के सुनामी की तरह खत्म हो गया। तब से आज तक यानी तहसीलदार के स्थानांतरण तक अधिवक्ता दो फाटों में बटे रहे। बताया जाता है उसके बाद से तहसीलदार ने अपने न्याय प्रक्रिया को भी अलग-थलग कर लिया था और महोबा से लेकर लाने वाले अधिवक्ताओं एवं करीबखानों को अपने से दूर रखना शुरू कर दिया था। लेकिन धरना प्रदर्शन के दौरान सहयोगी को थोड़ा करीब किए हुए थे।

फोटो- अधिवक्ताओं द्वारा तहसीलदार को दिया गया विदाई 

तहसीलदार के स्थानांतरण के पीछे का राज क्या है

सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार कृष्णराज सिंह के स्थानांतरण का दो राज है। पहली लोकसभा चुनाव के दौरान तहसीलदार की शिकायत जाति बिरादरी एवं सपा पार्टी को लेकर केबिन में बैठाने की जांच माना जा रहा है। वही दूसरा एक शासन में पहुंच रखने वाले व्यक्ति का फाइल नहीं करना तहसीलदार का ट्रांसफर फिरोजाबाद हो जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।

फोटो- मडियाहू के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रेश यादव स्वागत करते हुए

तहसीलदार की बंगले के बाहर क्यों लगती रही भीड़

आमतौर पर माना जाता है कि कोई अधिकारी का स्थानांतरण हो जाता है तो वह जाते-जाते कई रूकी फाइलों का बैग डेट में हस्ताक्षर करके निपटा जाते हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार कृष्ण राज सिंह ने एक भी फाइलों का निस्तारण कलम रखने के बाद दोबारा नहीं किया। यहां तक की अपने ऑफिस के सहयोगी कर्मचारियों को भी फाइलों के निस्तारण का आश्वासन दिया था लेकिन वह भी लौटा दिया जिसके कारण कर्मचारी भी उनके जाते वक्त तक असंतुष्ट रहे। लेकिन गुरुवार की सुबह 10:00 बजे तक उनके बंगले के बाहर लोग दस्तक देते रहे लेकिन ना तो किसी को अंदर बुलाया और ना ही अंदर से बाहर आए, सीधे 12:00 अपने विदाई समारोह में तहसील सभागार में पहुंचे।

फोटो- शाहगंज में ट्रांसफर के बाद मड़ियाहू के पूर्व लेखपाल इंदु यादव साएं की तरह रहे तहसीलदार के साथ

गोल घेरा में तहसीलदार के साथ आखिर कौन है खड़ा…..!

तहसीलदार कृष्णराज सिंह के विदाई समारोह के दौरान गोल घेरे में दिखाई पड़ने वाले यह मड़ियाहूं तहसील के पूर्व लेखपाल इंदु यादव है। सूत्र बताते हैं कि कुछ महीने पूर्व इनका ट्रांसफर एक सांसद के कहने पर शाहगंज तहसील में हुआ था। सांसद जी को शिकायत मिली थी कि उनके ही इशारे पर तहसील के अधिकारी चलते है यहां तक की मड़ियाहूं के वर्तमान एसडीएम के बगल तहसीलदार जैसा कुर्सी लगाकर बैठे रहते थे जिनकी फोटो भी सांसद महोदय के पास पहुंची थी। मड़ियाहू तहसील के अधिवक्ताओं का मानना है कि लेखपाल इंदु यादव में इतनी बड़ी जादू थी जो भी तहसीलदार अथवा एसडीएम मड़ियाहूं में आता था उन्हीं का खास बन जाता था। शाहगंज में नियुक्ति होने की बावजूद जिसका प्रमाण तहसीलदार के विदाई समारोह में साएं की तरह आगे पीछे करते हुए देखने को मिला। तहसीलदार के ऊपर पुष्प का माला निकालने से लेकर स्मृति चिन्ह पैक करने तक का काम इंदू यादव के द्वारा ही किया जा रहा था जैसे कि तहसीलदार ने उनको ही इस काम के लिए लगा रखा हो।

फोटो-शाहगंज के लेखपाल इंदु प्रकाश यादव तहसीलदार का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत करते हुए

 

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