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जौनपुर। मौसम में आए बदलाव से अस्पताल में बढ़े मरीज, सावधान रहने की जरूरत है

डायरिया और ब्रांकियोलाइटिस के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी।

जौनपुर(23मार्च)। । बदलते मौसम में सेहत के लिए हर किसी को सावधान रहना चाहिए। मौसम में आए बदलाव के कारण डायरिया और ब्रांकियोलाइटिस समेत तमाम बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बच्चों के अलावा बडे लोग भी बीमारी की चपेट में आ रहे है। जिला अस्पताल में तो शनिवार को ओपीडी में खासी भीड़ रही है। काउंटर पर पर्ची बनवाने से लेकर चिकित्सक को दिखाने के लिए लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। जिला चिकित्सालय में शनिवार को 1410 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे। इसमें अधिकतर सर्दी, जुकाम और खांसी, ब्रांकियोलाइटिस, डायरिया के अलावा सीने में दर्द वाले मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों को पर्चा कटवाने से लेकर ओपीडी में लाइन लगानी पड़ रही है। निजी अस्पताल भी मरीजों से पटे पड़े हैं। कई अस्पतालों में तो पैर रखने तक की जगह नहीं रही। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. जेपी त्रिपाठी का कहना है कि इधर कुछ दिनों से मौसम में निरतंर उतार चढ़ाव का क्रम बना हुआ। जिसके कारण वायरल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। सर्दी जुकाम के अलावा डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौसम में बदलाव के समय हर किसी को स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। छोटी सी भी लापरवाही करने पर कोई भी बीमार पड़ सकता है। दिक्कत शुरू होते ही चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार शुरू कर देना चाहिए।

जिला अस्पताल में शनिवार को मरीजों की भीड़ रही। अन्य दिनों की अपेक्षा ओपीडी भी अधिक हुई। भीड़ बढ़ने के कारण मरीजों को पर्ची कटवाने से लेकर ओपीडी में डाक्टर को दिखाने के लिए लोगों को कतार में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ा। जिला अस्पताल में शुक्रवार को 780 मरीज इलाज कराने पहुंचे थे। जबकि शनिवार को रिकार्ड 1410 मरीजों का ओपीडी इलाज हुआ। अस्पताल खुलते ही  मरीजों की भीड़ जुटने लगी थी। ओप़ीडी बंद होने के वक्त तक अस्पताल परिसर मरीजों से पटा रहा।

बच्चों में निमोनिया की शिकायत बढ़ गई है

मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बच्चों में निमोनिया, डायरिया और ब्रांकियोलाइटिस की समस्या बढ़ गई है। निमोनिया होने पर सांस फूलने लगती है। बुखार आने लगता है। खांसी भी शुरू हो जाती है। बाल रोग विशेज्ञष डा. मुकेश शुक्ल का कहना है कि छोटे बच्चों में जैसे ही सर्दी जुकाम शुरू होता है। किसी चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। मौसम बदलने के साथ बैक्टिरिया सक्रिय हो जाते हैं। जिसके कारण निमोनिया, डायरिया और ब्रांकियोलाइटिस, सांस फूलने की समस्या बढ़ जाती है। डायरिया होने पर बच्चों को नियमित अंतराल पर ओआरएस को घोले देते रहना चाहिए। पानी उबाल कर ठंडा करके देना चाहिए।

डा. एसके पांडेय, सीएमएस जिला अस्पताल जौनपुर ने बताया कि मौसम में आ रहे बदलाव के कारण वायरल की समस्या तेजी से बढ रही है। ऐसे में लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। वायरल फीवर, सर्दी जुकाम, बच्चों में निमोनिया और बांक्रियोलाइटिस की समस्या बढ़ गई है। अस्पताल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर लोग वायरल की चपेट में हैं। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है।

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