लखनऊ(31जन.)। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में गुरुवार को पुनः सुनवाई होगी। जिसको लेकर शिक्षामित्रों समेत अन्य शिक्षक बनने की उम्मीद पाले लोगों में हड़कंप इस हुआ है। फिलहाल याची से लेकर अधिवक्ता तक कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि बुधवार को प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिकाओं के निस्तारण तक यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार तक टाल दिया था। यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने दिए। उच्च न्यायालय में सहायक शिक्षक भर्ती में चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। याचियों ने दलील दी हुई है कि इस बार पिछली परीक्षा की अपेक्षा कट ऑफ अंक अधिक रखे गए हैं। पिछली शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनारक्षित व आरक्षित वर्ग के लिए अर्हता अंकों का कट आफ क्रमश: 45 व 40 फीसदी था, जिसे इस परीक्षा में कम से 65 व 60 फीसदी तय कर दिया गया है। दलील दी गई थी की कट ऑफ अंक इतना अधिक बढ़ाए जाने का सीधा असर परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षामित्रों पर पड़ेगा। फिलहाल यह उम्मीद की जा रही थी कि बुधवार को अदालत इस मामले में फैसला सुना सकती है। पर कोर्ट ने याचिकाओं के निस्तारण तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। प्रदेश सरकार की तरफ से अधिवक्ता ने अदालत के सामने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए दलील दी कि कट ऑफ अंक इसलिए बढ़ाएं गए ताकि प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए योग्य शिक्षक मिल सके। अदालत में अन्य पक्षकारों के वकीलों ने भी अपनी दलीलें पेश की और पूर्व पक्षकारों की तरफ से जवाबी हलफनामे में भी पेश किए गए। अब देखना है कि गुरुवार यानी 31 जनवरी को कोर्ट सहायक शिक्षक भर्ती मामले में क्या आदेश देती है।
