जौनपुर(05फर.)। अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए शासन ने चौकियों की स्थापना किया। लेकिन जनपद में एक ऐसी चौकी है जिसमें न तो कोई पुलिस है न कोई फोर्स है और वह चौकी थानाध्यक्ष अपने तरीके से मनमाने ढंग से संचालित करता है। जिसके कारण कभी कभी पीड़ितों के दोहन होने की खबरें आती रहती है। यहां अपराधी अपने इच्छानुसार चलते हैं। यह चौकी भी अपनी तरह से अनूठी चलती है जब फोर्स रहती है तब चौकी चलने लगती है जब नहीं रहती तब चौकी पर ताला लगा रहता है। यह बात वर्तमान सुरेरी एसओ भी मान रहे हैं।
सुरेरी थाना क्षेत्र के सुरेरी गांव में पुलिस चौकी स्थित है। यह चौकी वर्षो पूर्व में थाना के रूप में जाना जाता था। जगह की कमी के चलते शासन ने वर्षो पूर्व थाने का अस्तित्व खत्म करते हुए चौकी बना दिया और थाने को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। इस चौकी में अपराध के रोकथाम के लिए सात गांवों को समाहित कर एक चौकी प्रभारी की तैनाती एसओ के माध्यम से किया जाता है।
बताया जाता है कि नागरिकों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए और थानाध्यक्ष के अनदेखी करने के कारण सुरेरी चौकी पर ताला लग गया है जिससे वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नही रह पाता है। थानाध्यक्ष बीरेंद्र कुमार ने बताया कि दो पुलिसकर्मी छुट्टी पर चले गए और बाकी लोगों की ड्यूटी कुम्भ मेला में लगायी गयी है। फोर्स नहीं होने के कारण चौकी पर ताला लगा है। वही दबी जुबान ग्रामीणों से इस बाबत पूछने पर बताया कि पुलिस के आपसी विवाद के कारण कोई एसआई चौकी पर नहीं आना चाहता। जबकि चौकी काफी पुरानी है बनारस भदोही का बॉर्डर होने के कारण आए दिन अपराध घटित होता रहता है। लेकिन पुलिस फोर्स के नहीं रहने से चौकी हमेशा बंद रहती है।
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