जौनपुर। जिले की रामनगर विकासखंड के जमालापुर ग्राम सभा के पट्टी गांव में स्थित दुर्गा माता मंदिर पर सात दिवसीय भागवत मूल परायण एवं शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ है। इस भागवत मूल पारायण एवं शतचंडी महायज्ञ में अनंत विभूषित श्री काशी धर्म पिठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज भक्तों को कथा श्रवण प्रतिदिन करा रहे हैं।
कार्यक्रम विवरण
28 अप्रैल से 4 जून तक भागवत मूल परायण एवं शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ है।
28 अप्रैल को शोभा एवं कलश यात्रा दुर्गा माता मंदिर जमालपुर पट्टी के प्रांगण से शुरू हुआ।
28 अप्रैल को भागवत मुल गुरु पादुका पूजन हुआ।
28 अप्रैल से संगीतमय में कथा एवं प्रवचन प्रतिदिन सुबह शाम मंदिर प्रांगण में आयोजित
4 मई को महाप्रसाद भंडारा का आयोजन।
चौथे दिन भक्त प्रहलाद की महिमा का कथापान कराते हुए महाराज जी ने कहा कि विष्णु अवतार भक्ति प्रहलाद भगवान का अनंत भक्त था, कहते हैं भगवान केवल देवताओं का ही प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है भगवान सबके प्रिय होते हैं वह केवल देवताओं के ही नहीं। भगवान का देवता और भक्ति में कोई भेदभाव नहीं है उनको तो केवल भक्ति की आवश्यकता होती है। उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान अनंत काल होते हैं, मदभागवत की सातवें अध्याय में कहा गया है कि भगवान किसी से भेदभाव नहीं करते उनकी भक्ति जो करता है भगवान उसी के होते हैं। भक्ति में ऐसा सामर्थ्य है कि उनकी कृपा सबको प्राप्त होता है। भगवान शक्ति की रक्षा करते हैं। सनातन में कहा गया है कि भगवान की संपदा की जो रक्षा करें तो भगवान सबके प्रिय हो जाते हैं और वह सब की रक्षा करते हैं। भगवान किसी जाति वर्ण का नहीं होते। जिसके अंदर भगवान की भक्ति होती है उसके अंदर से संसार की वासना निकल जाती है। संपूर्ण विश्व भगवान का आलंगन करने लगता है। शंकराचार्य ने कहा कि खंभे से भगवान का निकलना है। भक्त प्रहलाद के लिए भक्ति का ही प्रमाण है। भगवान के पास जाने की जरूरत नहीं भगवान खुद आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु का भक्त प्रहलाद अपने नास्तिक पिता हिरण कश्यप की विरोध, प्रहलाद अपने पिता की राय बदलने की कोशिश करता है। जबकि हिरण कश्यप अपनी बेटे को बदलने के लिए शक्ति का उपयोग करता है। यह भगवान के प्रति प्रह्लाद का एक भक्ति ही था कि जो हिरण कश्यप जैसे लोगों ने भी भगवान की भक्ति से डिगा नहीं पाया। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेंशा धर्म की जय होती है और अधर्म का नाश होती है और प्राणियों में सद्भावना के भक्ति का भाव होता है।
कथा प्रवचन की प्रारंभ के पूर्व अनंत विभूषित श्री काशी धर्म पिठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज के सामने चरण पदुका पूजन बृजराज चौरसिया पत्रकार, लल्लन मास्टर, छोटेलाल सिंह, शिवराम सिंह भोले, रत्नाकर सिंह, महेश सिंह, राम उजागिर, अमित सिंह “मिंटू”, मनिंदर सिंह कक्कू”, संतोष सिंह चंचल”, आनंद सिंह डीएम”, सुजीत सिंह शामिल होकर पूजन किया और महाराज जी को माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य शिवराम सिंह “भोले” ने महाराज जी को अंग वस्त्र भेंट किया।
मंदिर प्रांगण भक्ति भाव का संगम हो गया। जहां प्रतिदिन काफी संख्या में शतचंडी यज्ञ के लिए बनाए गए मंडप का माताएं बहने एवं पुरुष प्रभात फेरी कर रहे हैं। मंदिर परिसर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणनंद तीर्थ जी महाराज के प्रवचन को सुनने के लिए भी काफी संख्या में प्रतिदिन लोग पहुंच कर उनके आशीर्वचनों को आत्मसात कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन नारायण सिंह प्रतिदिन महाराज जी के आज्ञा से करने का काम कर रहे हैं।
इस मौके पर भीमसेन सिंह, पंकज कुमार सिंह, सुजीत कुमार सिंह, राजकुमार सिंह, प्रेमसिंह, विनयकुमार सिंह, जयप्रकाश चौरसिया, छोटे लाल सिंह, कक्कू सिंह समेत सैकड़ो भक्त मौजूद रहे।