जौनपुर(23फर.)। सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता होने का दावा सरकार भले ही कर ले लेकिन हालत यह है कि मरीजों को कुछ सस्ती दवाइयां देकर कोरम पूरा कर लिया जाता है। महंगी दवाइयों के लिए पर्ची बनाकर पकड़ा दिया जाता है। नियम है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी दवाइयां मिलनी चाहिए। लेकिन गिनी चुनी ही दवाई मरीजों को मिलती है। एंटीबायोटिक समेत अन्य महंगी दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ती है। कई बार तो दवाओं को लेकर मरीज और इलाज में लगी एएनएम से भी विवाद हो जाता है।
जिला अस्पताल में एक रूपये की पर्ची पर मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने में स्वास्थ्य पूरी विभार पूरी तरह से विफल है। अस्पताल में दवाओं के नाम केवल खानापूर्ति की जाती है। जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंची सेहरा निवासी फुलई ने बताया उन्हें कुुछ कुछ दवाएं अस्पताल से मिली है। बाकी की दवा बाहर से खरीदने के लिए डाक्टर ने पर्ची पर लिख दिया है। उन्होंने बताया कि खून की जांच अस्पताल में हुआ। इसी प्रकार बेलवा निवासी राधेश्मास ने बताया उनकी बिटिया का इलाजा चल रहा है। दवा खत्म हो गई थी। दवा लेने के लिए आएं थे। कुछ दवाएं तो अस्पताल से मिल लेकिन कुछ दवाएं उन्हें बाहर से खरीदनी पड़ी। सुरैली निवासी बेला देवी का कहना है कि उन्हें दवाएं अस्पाताल से मिली है। इसी तरह यदि देखा जाए तो अधिकांश मरीजों को दवा देने के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। जबकि जिला अस्पताल में हर मर्ज की दवाएं उपलब्ध होने का दावा किया जाता है।
डा. एसके पांडेय, सीएमएस जिला अस्पताल ने कहा कि जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। इलाज के लिए आने वाले हर मरीज को जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। कुछ डाक्टरों द्वारा बाहर से दवा लिखे जानी की शिकायत मिली है। चिकित्सकों को बाहर से दवा नहीं लिखने की हिदायत दी गई है। जन औषधि केंद्र पर सस्ती और बेहतर दवाएं उपलब्ध हैं।
Home / Latest / जौनपुर। जिला अस्पताल में दवाओं के लिए भटकते हैं मरीज, अस्पताल में नहीं है अच्छी दवाइयों की उपलब्धता