जौनपुर(19जन.) सरायख्वाजा थाना क्षेत्र में मारपीट के मुकदमे की जांच करने गए तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेश यादव व एसआई अरविंद कुमार पर चोटों का मुआयना करने के बहाने घर में वादिनी की नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म करने का आरोप है।वादिनी की प्रार्थना पत्र पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि मामले की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत करें।उधर नौ दिसंबर 2018 को सात बजे शाम शौच के लिए गई वादिनी से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी दिलशाद व ऐनुल पर प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश सीजेएम ने थानाध्यक्ष सरायख्वाजा को दिया है।
सरायख्वाजा निवासी वादिनी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग दिल्ली में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसे व उसके घर वालों को आरोपी मुनीर आदि द्वारा मारने पीटने का मुकदमा सरायख्वाजा थाने में दर्ज हुआ था। उस समय थानाध्यक्ष राजेश यादव थे जो कई आरोप में निलंबित हुए थे दरोगा अरविंद भी निलंबित हुए। उसे व उसके परिवार वालों को आई गंभीर चोटों को आरोपी मुनीर व अन्य आरोपियों के अनुचित दबाव में आकर पुलिस ने हल्का कर दिया।वादिनी द्वारा अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम व रवि प्रकाश पाल के माध्यम से पुलिस के उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर 10 दिसंबर 2018 को 9:00 बजे तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेश यादव व एस आई अरविंद सिंह जांच करने के लिए उसके घर आए तक उसकी नाबालिग पुत्री बाहर आई।उसे भी चोटे थीं। उसकी चोटों का मुवायना करने के बहाने उसे कमरे में ले गए और उसके साथ दुराचार किया। आयोग ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि जांच कर 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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