जौनपुर(30जन.)। बरसठी रेलवे स्टेशन पर बुधवार को तीसरे दिन जज सिंह अन्ना का मूलभूत सुविधाएं को लेकर आमरण अनशन जारी रहा, तभी बुधवार को सैकड़ों महिलाओं का साथ मिला और सुबह 10.40 पर ट्रेन को बरसठी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर सैकड़ों महिलाएं खड़ी हो गयी और लाल झंडी दिखाकर ट्रेन रोक दी।
बुधवार को सैकड़ों महिलाओं का साथ मिलने और सुबह 10.40 पर ट्रेन बरसठी स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर सैकड़ों महिलाओं ने खड़ी होकर लाल झंडी दिखाकर ट्रेन रोके जाने से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। और इसकी जानकारी होते भारी संख्या मे प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों का स्टेशन पर जमावड़ा हो गया। प्रशासन ने ट्रैक से हटाने के लिए महिलाओं और पुरुषों को काफी प्रयास किया लेकिन वे लोग अपनी मांग को लेकर अड़े रहे और तीन घण्टे तक ट्रेन भी रुकी रही। इसके बाद पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग कर लोगो को ट्रैक से हटाया तब ट्रेन अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई।
बता दें कि जज सिंह अन्ना सोमवार सुबह सात बजे से बिना भोजन पानी के आमरण अनशन पर बैठे हुए है। वे अपनी मांगों मे बरसठी स्टेशन को स्टेशन का दर्जा, पानी, बिजली, शौचालय, आदि की सुबिधा के लिए कई बार रेलवे के अधिकारियों को सूचना दिया तथा चार बार रेल रोको अभियान चलाकर ट्रेन रोक चुके है। लेकिन रेल महकमा मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार करता रहा। उनकी सबसे जरूरी मांग मे जघंई से मडियाहू स्टेशन के बीच तीस किमी की दूरी है उसके बीच मे बरसठी स्टेशन पडता है उसे स्टेशन बना दिया जाय।
स्टेशन से पहले रेल रोकने की जानकारी पर एसडीएम मडियाहू मोती लाल यादव, एडीएम रमेश मिश्र, एएसपी संजय राय के साथ काफी संख्या मे आरपीएफ कई थानों की फोर्स पहुच गयी। जिससे स्टेशन पुलिस छावनी मे तब्दील हो गई। काफी मनाने के बाद भी लोग ट्रैक पर से नही हटे। पुलिस ने हल्की बल प्रयोग करते हुए लोगो को हटाया और ट्रेन को 1.25 पर रवाना करवाया। उसके बाद रेलवे स्टेशन पर जज सिंह अन्ना का आमरण अनशन तोडवाने के लिए शाम पहुंचे एडीआरएम वाराणसी रवि पी चतुर्वेदी एव सहायक कमाण्डेन्ट वीके सिंह ने काफी प्रयास किया, उनके दो घण्टे के प्रयास के बाद भी जब जज सिंह अन्ना ने अपनी मांग को लेकर अड़े रहे तो एडीआरएम के निर्देश पर रेलवे कमाण्डेन्ट की मौजूदगी में सिविल और आरपीएफ पुलिस बल ने जबरदस्ती अपनी गाड़ी में लाद कर दवा के नाम पर बरसठी स्वास्थ्य केन्द्र की बजाय जिलाअस्पताल ले जाने की बात कहते हुए अज्ञात जगह लेकर चली गयी। जब एडीआरएम रवि पी चतुर्वेदी से पूछा गया की अन्ना अपना अनशन तोड दिए या फिर यहां से पुलिस कहां ले गयी तो कुछ जबाब देने के बजाय चले गये।
पुलिस ने पत्रकारों को नहीं खिंचने दिया फोटो
जब पुलिस अन्ना को जबरदस्ती लेकर जा रही थी तो वहा मौजूद एक पत्रकार फोटो खींचना चाहा तो उसके साथ भी बदसूलकी किया गया। और खींची गरीब फोटो को डिलीट कराया गया।
