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जौनपुर। सिद्दीकपुर से अपहृत मासूम को पिता ने बदमाशों को फिरौती की रकम देकर पाया, पुलिस मलती रह गयी हाथ।

जौनपुर(18फर.)। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सिद्दीकपुर बाजार से रविवार को अपहृत बच्चे को बदमाशों ने पिता से लाखों की फिरौती लेकर नाटकीय ढंग से रिहा कर दिया। परिजन बच्चे को पाकर इन्द्र को धन्यवाद दिया। इस सम्बंध में पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित निकालने की अपनी रचित ट्रेलर बता रही हैं।

फोटो-रविवार की दोपहर अपहृत सात वर्षीय प्रांजल

बता दें कि सिद्दीकपुर बाजार से रविवार को ढाई बजे बाइक सवार दो बदमाशों ने राहुल मिश्रा के छः वर्षीय पुत्र प्रांजल मिश्रा का अपहरण कर उठा ले गए थे। अपहृत बच्चे के पिता ने न जाने में सूचना दिया तो पुलिस बच्चे के सुरागरसी न में लग गयी। पुलिस अधीक्षक दिनेश पाल सिंह ने सीओ सदर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की कई टीमें को अपहृत बच्चे की तलाश में लगा दिया। टीमें अभी बच्चे की तलाश कर रही थी कि सोमवार को सुबह राहुल मिश्रा के फोन पर अपहरणकर्ताओं ने फोन किया और कहा कि बच्चा जिंदा देखना चाहते हो तो दो लाख रुपये लेकर दो घंटे में मिलों। और फोन काट दिया। धमकी पर राहुल मिश्रा का परिवार सहम उठा और उन्होंने तत्काल सहयोगियों से सलाह ली और जिसकी जानकारी पुलिस को दिया तभी दूसरी फोन बदमाशों ने कर फूलपुर इलाहाबाद दो घंटे में पहुंच कर रकम देकर बच्चे को ले जाने की बात बताई। योगी पुलिस जो कागजों में इनकाउंटर स्पेशलिस्ट बताती है वह सोमवार को नर्वस दिखी और बदमाशों के आगे घुटने टेक बच्चे को बचाना पहली प्राथमिकता समझकर बताते हैं कि पुलिस परिवार के पुत्र मोह को देख बदमाशों द्वारा मांगे जाने वाली रकम चुकताकर बच्चा वापस लाने की पिता को इजाजत दे दिया।
उसके बाद राहुल मिश्रा अपने साथ पड़ोसी डॉ चंद्रजीत यादव व प्रणय यादव को साथ लेकर फूलपुर में पहुंचे। बदमाशों से सम्पर्क करने पर उन्होंने अपना लोकेशन फाफामऊ बताते हुए आने को कहा।वहां जाने पर पुनः इलाहाबाद पहुंचने का आदेश हुआ। पिता बच्चे को पाने के लिए बदमाशों के बताए ठिकाने पर घूमता रहा। उसके बाद बदमाशों ने एक पेट्रोल पंप पर बुलाया लेकिन वहां खाली हाथ रहा। राहुल ने वहां पहुंचने फोन किया तो बदमाशों ने एक पहलवान ढाबे पर बुलाया। उसके बाद वहां से अंतिम लोकेशन देते हुए शांतिपुरम कालोनी में राहुल मिश्रा को अकेले बुलाया। बताया जाता है कि राहुल से बदमाशों ने दो लाख लेने के बाद अपहृत बच्चे को सौंप दिया। प्रांजल के मिलते ही राहुल के आंखें नम हो गयी और परिवार खुशी से झूम उठा। लेकिन बदमाश पुलिस की पकड़ से काफी दूर है। देखना है कि इन बदमाशों के गिरेबान तक कब पुलिस के हाथ पहुंचता है।

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