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फोटो-कवियत्री मीनाक्षी इलाहाबादी

जौनपुर। शहीदों की याद में जिला कारागार में हुआ कवि सम्मेलन, देखें जेल अधीक्षक ने कैदियों को क्या सुनाया

जिला कारागार में हुआ कवि सम्मेलन, थिरके कैदी

जौनपुर (19फर.)। जिला कारागार में मंगलवार को शाम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुई आतंकी हमलें में मारे गए शहीदों के याद में बंदियों के बीच कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कई प्रदेशों से आए कवियों ने कविताएं सुनाकर बंदियों में खूब जोश भरा। बंदियों की तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा जेल गुंजायमान हो रहा था।

कवि सम्मेलन की शुरुआत प्रेम जौनपुरी ने सरस्वती के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर और द्वीप प्रज्वलित कर किया।

फोटो-“प्रेम जौनपुरी” सरस्वती पूजन करते हुए

उसके बाद बंदी रक्षकों ने सरस्वती वंदना की गीत गाए।

फोटो- बंदी फुन्न गीत प्रस्तुत करते हुए

फिर बंदी रक्षक फुन्न ने कहा कि “सुन्दर शहर जौनपुर बसा, सीटी जक्शन दो स्टेशन, जगह जगह फूल चढ़ा देख अटाला मस्जिद। मोटी मूरैया तोहैय खिलैयो चले हमारे साथे।”

जिला जेल अधीक्षक अवधेश कुमार मिश्रा ने मदीना पर कविता सुनाई। “मेरे आका मेरे सरताज मदीने वाले।।“दो जहां में तेरा राज मदीने वाले।“वो गदा होकर गनी होकर, तवंगर के फकीर सब तेरे दर के मुल्ताज मदीने वाले।“सबकी रखेंगे वहीं लाज मदीने वाले।।

अकरम जौनपुरी ने वतन पर अपनी कविता पेश किया “वतन का प्यार दुनिया में मेरी पहचान बन जाए मैं अपना दिल बनाऊं और हिंदुस्तान बन जाए।” सुन कैदियों ने जमकर तालियां बजाई।

• दूसरी कविता पेश किया कि ” हम इस दिल में शहादत की तमन्ना लेकर निकले हैं वतन पर जान दे देने का जज्बा लेकर निकले हैं। हम अपने हाथ में तिरंगा लेकर निकले हैं। बुझा ले प्यास अपनी नफरतों के जो भी मारे, वफ़ा का पर्याय का एक दरिया लेकर निकले हैं।

मीनाक्षी “इलाहाबादी” ने सेना के शौर्य पर कविता सुनाकर खुब वाहवाही लूटी कहीं-“जिस दिन भी हमने ठान लिया, बस पांच मिनट में मुल्ताज में झंडा गाड़ देंगे। विजय पतंगा लहराएगा पाकिस्तान हमारा होगा।”

फोटो-कवियत्री मीनाक्षी इलाहाबादी

मीनाक्षी “इलाहाबादी” ने कैदियों में देश के प्रति जज्बा बिखेरती हुई कहीं कि “रंगबाजी आतंक की जंग होनी चाहिए, हो चुका आगाज अब जंग होनी चाहिए। छिन गए है लाल कितने भारती की गोद से। खोक पाकिस्तान की भी तंग होनी चाहिए।

बनारस से आए अजय शुक्ला बनारसी ने सैनिकों के मां पर एक कविता सुनाई “बनकर मां फिर किसी सैनिक की ऐसी कई लड़ाईयां लड़ जाती है वीरांगनाएं देश की”

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डॉक्टर पीसी विश्वकर्मा ‘प्रेम जौनपुरी’ ने कविता सुनाई “कत्लगाह जाग उठे, दारो रसन जाग उठे। सर जो कट जाए वतन पर तो वतन जाग उठे, देश भक्ति का लहू ठंडा न होने पाए। इंकलाब ऐसा उठाओ कि कफन जाग उठे।।”

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कवि सम्मेलन की अध्यक्षता पीसी विश्वकर्मा “प्रेम जौनपुरी” एवं संचालन मुबंई के कवि पवन तिवारी ने किया।
इस मौके पर जेल अधीक्षक अवधेश कुमार मिश्रा, जिला संजय कुमार सिंह, डिप्टी जेलर सुनील दत्त मिश्रा, वरिष्ठ सहायक खलील अहमद और अमर उजाला के ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी मौजूद रहे।

 

 

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